सज गया 5जी का शॉपिंग मॉल, 17.53 लाख करोड़ की कंपनियां जमाएंगी माहौल

R. S. Mehta
6 Min Read

जी हां, सरकार ने 5जी का शॉपिंग मॉल सजा दिया है. जिसमें अरबपतियों की एंट्री हो चुकी है. देश की तीन बड़ी कंपनियों जिनका अनुमानित मार्केट कैप 17.50 लाख करोड़ रुपए से भी ज्यादा है पूरा माहौल जमाएंगी. आप समझ ही गए होंगे. आज यानी मंगलवार से देश में 5जी स्पेक्ट्रम के लिए नीलामी शुरू हो गई है. इस नीलामी की वैल्यू 96 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा की बताई जा रही है. जिसमें सबसे बड़े बिडर मुकेश अंबानी की रिलायंस जियो और एयरटेल सबसे बड़ी बोली लगा सकते हैं. ताकि दोनों ही कंपनियों को अपनी 5जी सर्विस बढ़ाने में मदद मिल सके. वहीं दूसरी ओर वोडाफोन आइडिया भी रेस में हैं. आइए समझने का प्रयास करते हैं कि आखिर इस नीलामी की क्या खास बातें हैं.

शुरू हुई नीलामी

5जी स्पेक्ट्रम की 96,238 करोड़ रुपए मूल्य की नीलामी मंगलवार को शुरू हो गई। इसमें एयरटेल और रिलायंस जियो जैसी कंपनियों द्वारा बोली लगाने की उम्मीद है जिससे उनकी 5जी सेवाओं को बढ़ाने में मदद मिलेगी. रेडियो वेव्स का सेल्स प्रोसेस 2010 में ऑनलाइन शुरू होने के बाद से यह 10वीं स्पेक्ट्रम नीलामी है. आखिरी बार अगस्त 2022 में नीलामी हुई थी, जिसमें पहली बार 5जी सर्विसेस के लिए रेडियो तरंगें शामिल की गईं थीं.

इनके लिए मांगे गए थे आवेदन

बयान के अनुसार मौजूदा टेलीकॉम सर्विसेस को बढ़ाने और सर्विस की निरंतरता बनाए रखने के लिए सरकार मंगलवार 25 जून 2024 को स्पेक्ट्रम नीलामी शुरू कर दी है. यह सभी नागरिकों को सस्ती, अत्याधुनिक हाई क्वालिटी वाली टेलीकॉम सर्विस प्रदान करने की सरकार की प्रतिबद्धता के अनुरूप है. टेलीकॉम डिपार्टमेंट (डीओटी) की ओर से स्पेक्ट्रम नीलामी की जा रही है. इसके लिए आठ मार्च को आवेदन आमंत्रण नोटिस (एनआईए) जारी किया गया था. गौरतलब है कि 800 मेगाहर्ट्ज, 900 मेगाहर्ट्ज, 1800 मेगाहर्ट्ज, 2100 मेगाहर्ट्ज, 2300 मेगाहर्ट्ज, 2500 मेगाहर्ट्ज, 3300 मेगाहर्ट्ज और 26 गीगाहर्ट्ज बैंड में उपलब्ध सभी स्पेक्ट्रम 10वीं नीलामी का हिस्सा हैं.

किसने कितना दिया बयाना

रिलायंस जियो ने स्पेक्ट्रम नीलामी के लिए सबसे अधिक 3,000 करोड़ रुपए की बयाना राशि जमा की है. इस आधार पर कंपनी अधिकतम रेडियो तरंगों के लिए बोली लगा सकती है. टेलीकॉम डिपार्टमेंट के अनुसार भारती एयरटेल ने 1,050 करोड़ रुपए और वोडाफोन आइडिया (वीआईएल) ने 300 करोड़ रुपए की बयाना राशि जमा की है. कर्ज में डूबी वोडाफोन आइडिया लिमिटेड अपने स्पेक्ट्रम उपयोग शुल्क को कम करने के लिए विशेष रूप से 26 गीगाहर्ट्ज बैंड में रणनीतिक अधिग्रहण पर ध्यान केंद्रित कर सकती है.

ये हैं इस स्पेक्ट्रम की खास बातें

  1. 96,238.45 करोड़ रुपए (रिजर्व प्राइस पर) से अधिक वैल्यू की 10,500 मेगाहर्ट्ज रेडियोवेव्स के लिए स्पेक्ट्रम नीलामी आज सुबह 10 बजे शुरू हुई। नीलामी बैंड में 800 मेगाहर्ट्ज, 900 मेगाहर्ट्ज, 1,800 मेगाहर्ट्ज, 2,100 मेगाहर्ट्ज, 2,300 मेगाहर्ट्ज, 2,500 मेगाहर्ट्ज, 3,300 मेगाहर्ट्ज और 26 गीगाहर्ट्ज शामिल हैं.
  2. इस नीलामी में खरीदे गए बैंड खरीद की तारीख से 20 साल के लिए वैध होंगे, और टेलीकॉम कंपनियों को खरीद की तारीख से 10 साल के बाद अपने स्पेक्ट्रम को सरेंडर करने की अनुमति होगी.
  3. पेमेंट के लिए दो वर्ष की किस्त का आंशिक भुगतान या उसके बाद के पूरे वर्षों का मल्टीपल स्वीकार किया जाएगा. दूसरा विकल्प 20 साल की सालाना समान किस्तों का भुगतान करना है, जिसमें पहली किस्त नीलामी के 10 दिनों के भीतर देनी होगी.
  4. इसके अलावा, स्पेक्ट्रम ड्यू के प्री-पेमेंट को बिना दंड के अनुमति दी गई है, और खरीदार एडवांस पेमेंट के संबंधित वर्षों के लिए मोरेटोरियम का ऑप्शन चुन सकते हैं.
  5. 3300 मेगाहर्ट्ज बैंड रिलायंस जियो और भारती एयरटेल को आकर्षित कर सकता है. यह कम कैपिटल एक्सपेंडिचर के साथ 5जी सेवाएं प्रदान करने वाले प्रमुख बैंडों में से एक है. 3300 मेगाहर्ट्ज बैंड में 20 मेगाहर्ट्ज से -100 मेगाहर्ट्ज तक के रेडियोवेव सेग्मेंट को नीलामी के लिए रखा जा रहा है.
  6. मांग को देखते हुए, 3,300 मेगाहर्ट्ज और 26 गीगाहर्ट्ज बैंड में स्पेक्ट्रम रिजर्व कीमतों में क्रमशः 12 फीसदी और 8.9 फीसदी का इजाफा किया गया है.
  7. डॉट ने इस नीलामी में 600 मेगाहर्ट्ज और 700 मेगाहर्ट्ज बैंड में कोई स्पेक्ट्रम शामिल नहीं किया है.

किस कंपनी की कितनी वैल्यूएशन

इन तीनों प्राइवेट टेलीकॉम कंपनियों में से एयरटेल और वोडाफोपन आइडिया ही शेयर बाजार में लिस्ट हैं. एयरटेल की करंट वैल्यूएशन 8 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा है. वहीं दूसरी ओर वोडाफोन आइडिया का मार्केट कैप मौजूदा समय में 1,17,837.74 करोड़ रुपए है. मौजूदा समय में वोडाफोन आइडिया का शेयर 17.36 रुपए पर कारोबार कर रहा है. वहीं एयरटेल का शेयर 1416.60 रुपए पर कारोबार कर रहा है.

वहीं दूसरी ओर रिलायंस जियो मौजूदा समय में नॉन लिस्ट कंपनी है. लेकिन यूजर बेस के हिसाब से देश की सबसे बड़ी टेलीकॉम कंपनी है. मई 2024 की एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार मुकेश अंबानी का रिलायंस ग्रुप सबसे पहले रिलायंस जियो का आईपीओ लेकर आ सकता है. जिसकी वैल्यूएशन 100 बिलियन डॉलर यानी 8.3 लाख करोड़ रुपए हो सकती है. रिपोर्ट के अनुसार कंपनी के शेयर की कीमत 1200 रुपए आंकी जा रही है.

Share This Article
Leave a comment