बॉलीवुड एक्ट्रेस ममता कुल्कर्णी अब अपनी पुरानी जिंदगी को त्याग चुकी हैं और महामंडेलश्वर बन गई हैं. उन्होंने ग्लैमर और फिल्मों का रास्ता हमेशा के लिए छोड़ दिया है और अपनी पिछली जिंदगी को पीछे छोड़कर एक नया जन्म ले लिया है. प्रयागराज के संगम तट पर हो रहे महाकुंभ में ममता ने स्नान किया और ममता कुलकर्णी की पुरानी पहचान को छोड़कर एक नई जिंदगी में प्रवेश कर लिया. ममता अब महामंडेलश्वर श्री यामाई ममता नंद गिरि कहलाएंगी.
ममता ने बॉलीवुड की ढेरों फिल्मों में काम किया है. हालांकि, लंबे समय से वो फिल्मों से दूर थीं और तप कर रही थीं. अब वो संन्यासी बन चुकी हैं. उन्होंने किन्नर अखाड़े से दीक्षा ली है और आध्यात्मिक मार्ग अपना लिया है. ममता ने प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ 2025 के दौरान किन्नर अखाड़े में संन्यास की दीक्षा ली है. उन्हें किन्नर अखाड़े की महामंडलेश्वर की उपाधि से सम्मानित किया गया है.
महामंडलेश्वर बनीं ममता
किन्नर अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी डॉक्टर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी और जूना अखाड़ा की महामंडेलश्वर स्वामी जय अंबानंद गिरी के सानिध्य में ममता कुलकर्णी महामंडलेश्वर बन चुकी हैं. आज यानी 24 जनवरी की शाम उन्होंने पिंडदान किया. क्योंकि महामंडलेश्वर बनना एक बड़ी जिम्मेदारी है और इसकी एक बड़ी प्रक्रिया होती है ऐसे में अभी बाकी के सारे रिवाज किए जाएंगे जिनमें पट्टा अभिषेक भी शामिल है.
ममता कुलकर्णी का फिल्मी सफर
ममता कुलकर्णी ने अपना फिल्मी करियर साल 1991 में रिलीज हुई तमिल फिल्म नन्नबरगल से शुरू किया था. उसके एक साल बाद साल 1992 में उन्होंने बॉलीवुड में कदम रखा. उनकी पहली हिंदी फिल्म मेरे दिल तेरे लिए थी. उन्हें असली पहचान साल 1995 में रिलीज हुई फिल्म करण अर्जुन से मिली, जिसमें वो सलमान खान के अपोजिट दिखी थीं. राकेश रोशन के डायरेक्शन में बनी इस फिल्म में काजोल और शाहरुख खान भी दिखे थे. ममता आज भी इस फिल्म के लिए जानी जाती हैं.