तिरंगा, क्रांतिवीर, ‘करण-अर्जुन’ और ‘नसीब’ जैसी ब्लॉक बस्टर मूवीज में काम करने वाली बॉलीवुड एक्ट्रेस ममता कुलकर्णी एक बार फिर से खबरों में हैं. महाकुंभ में उन्होंने अपना पिंडदान किया है और अब वह महामंडलेश्वर बन गईं हैं. किन्नर अखाड़ा की महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने उनसे लंबी चर्चा करने के बाद महामंडलेश्वर की उपाधि देने की घोषणा की है. हालांकि ममता कुलकर्णी का जीवन इतना भी आसान नहीं रहा है. उनकी लाइफ अंडरवर्ल्ड के आस-पास भी घूमती रही है. हालांकि इस पर ममता का कहना कुछ और ही है. ममता की मानें तो वह सन 2000 से तपस्या कर रही हैं और उन्होंने इससे पहले दीक्षा भी ली थी.
बहुत ही कम समय में बॉलीवुड में सितारों के बीच अपनी अदाकारी और अदाओं का लोहा मनवाने वाली ममता कुलकर्णी के बारे में कहा जा रहा था कि उनकी पारी मूवीज में काफी लंबी चलने वाली है. हालांकि यह दौर सन 2002 के बाद खत्म हो गया. इस दौरान वह एक कामयाब एक्ट्रेस की जगह एक विवादित बॉलीवुड पर्सनालिटी बन चुकी थीं. ममता कुलकर्णी ने इसके बाद केन्या में शिफ्ट हो गईं थीं और उन्होंने न सिर्फ बॉलीवुड बल्कि भारत से भी दूरी बना ली थी. ममता कुलकर्णी की आखिरी मूवी ‘कभी तुम कभी हम’ 2002 में ही रिलीज हुई थी.
विवादों से गहरा नाता
ममता कुलकर्णी का सफर बॉलीवुड में 1991 में शुरू हुआ था. उस वक्त उन्होंने भारत समेत बांग्लादेशी मूवीज में भी काम किया है. अपने बॉलीवुड करियर के दौर में ममता कुलकर्णी अपनी हॉटनेस के लिए जानी जाती थीं. 1993 में उस वक्त बॉलीवुड में खलबली मच गई थी जब ममता ने स्टारडस्ट मैग्जीन के लिए टॉपलेस फोटोशूट करवाया था. मैग्जीन के आने के बाद काफी विवाद हुआ था और मैग्जीन की कॉपीस ब्लैक में बेची गईं थीं. इस विवाद के बाद ममता पर 15 हजार का जुर्माना लगाया गया था.
अंडरवर्ल्ड से कनेक्शन
ममता कुलकर्णी का नाम 90 के दशक में अंडरवर्ल्ड डॉन छोटा राजन से जोड़ा गया था. उस दौर में कहा जाता था कि ममता को फिल्मों में काम अंडरवर्ल्ड की सिफारिश पर मिलता था. इसे लेकर खूब चर्चाएं गर्म हुईं. यह भी कहा जाता है कि डायरेक्टर राजकुमार संतोषी ने उन्हें ‘चाइना गेट’ मूवी में लीड एक्ट्रेस के तौर पर लिया था लेकिन वह उन्हें हटाना चाहते थे. लेकिन अंडरवर्ल्ड से प्रेशर बढ़ने के बाद ही उन्हें मूवी में रखना पड़ा था. बाद में यह खबरें भी सामने आई थीं कि ममता कुलकर्णी ने दुबई में रहने वाले ड्रग माफिया विक्की गोस्वामी से शादी कर ली है. इसके बाद ममता 10 साल तक दुबई में ही रहीं थीं. यह भी कहा जाता है कि दुबई में रहकर इस कपल ने कई गैरकानूनी काम किए. हालांकि ममता ने हमेशा इन सभी आरोपों को सिरे से खारिज किया है.
2013 में की थी वापसी
ममता कुलकर्णी लंबे वक्त तक गुमनामी का जीवन जीने के बाद 2013 में भारत आईं थीं. उन्होंने उस वक्त ‘ऑटोबायोग्राफ़ी ऑफ़ ए योगिनी’ नाम की बुक लॉन्च की थी. उस दौरान ममता ने कहा था कि वह कुछ लोग दुनिया के कामों के लिए पैदा होते हैं तो कुछ लोग ईश्वर के लिए. वह ईश्वर के लिए पैदा हुई हैं. उस वक्त भी उन्होंने कुंभ में वापसी की थी. इस बार भी वह महाकुंभ में ही नजर आईं हैं.
अब बनीं महामंडलेश्वर
ममता कुलकर्णी अब महामंडलेश्वर बन चुकी हैं. उन्होंने किन्नर अखाड़े की आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मीनारायण त्रिपाठी से मुलाकात की और आशीर्वाद लिया. इसके बाद दोनों के बीच लंबी चर्चा हुई. लंबी चर्चा के बाद किन्नर अखाड़ा ने उन्हें महामंडलेश्वर की पदवी देने का निर्णय किया और महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने महामंडलेश्वर पद देने का ऐलान किया. इसके बाद दोनों अखिल भारतीय अखाड़े के अध्यक्ष रविंद्र पुरी से मिलीं और महामंडलेश्वर बनने की प्रक्रिया की गई. ममता को नया नाम भी दिया गया है, अब वह ममता नंद गिरी कहलाएंगी.