चीन का Shein कैसे बना ग्लोबल ब्रांड? 2020 में बैन ऐप को इंडिया लेकर लौटे मुकेश अंबानी

R. S. Mehta
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एशिया के सबसे अमीर उद्योगपति मुकेश अंबानी की रिलायंस रिटेल ने फास्ट फैशन ब्रांड Shein को इंडिया में री-लॉन्च कर दिया है. साल 2020 में जब गलवान घाटी की घटना के बाद भारत और चीन के बीच तनाव चरम पर पहुंच गया था, तब देश में टिकटॉक समेत 50 से ज्यादा चीनी ऐप को बैन कर दिया गया था. शीन उन्हीं में से एक था. फिर भी इस ब्रांड की ग्लोबल पहचान इतनी बड़ी है कि मुकेश अंबानी इसे इंडिया में वापस लेकर आए हैं. आखिर चीन का ये स्टार्टअप दुनिया का इतना बड़ा फैशन ब्रांड कैसे बन गया? चलिए जानते हैं हर सवाल का जवाब…

Shein को She-in पुकारा जाता है. चीन में इसकी शुरुआत साल 2008 में हुई थी. इसके फाउंडर Xu Yangtian हैं, जिन्होंने शादियों की ड्रेसेस को ऑनलाइन बेचने से शुरू की, और देखते ही देखते ये आज दुनिया के सबसे बड़े फास्ट फैशन ब्रांड में से एक में तब्दील हो चुका है.

Shein से H&M भी रह गया पीछे

शी-इन आज इतना बड़ा ब्रांड बन चुका है कि साल 2023 में इसका प्रॉफिट डबल होकर 2 बिलियन डॉलर (आज की तारीख में करीब 17,000 करोड़ रुपए) हो गया था. ये स्वीडन के पॉपुलर फास्ट फैशन ब्रांड H&M और ब्रिटेन के Primark और Next के प्रॉफिट से भी ज्यादा है.

भारत में फास्ट फैशन तेजी से पॉपुलर हो रहा है. Tata Group की कंपनी Trent का Zudio ब्रांड जहां ऑफलाइन सेल में तेजी से पॉपुलर हो रहा है. वहीं Flipkart का Myntra ऑनलाइन सेगमेंट का सबसे बड़ा फास्ट फैशन प्लेटफॉर्म बन चुका है. ऐसे में मुकेश अंबानी भी इस सेगमेंट में पीछे नहीं रहना चाहते और शी-इन को इंडिया में री-लॉन्च कर दिया है.

शी-इन के इंडिया में री-लॉन्च होने से पहले मुकेश अंबानी के ब्रिटिश ब्रांड Primark को इंडिया में लाने की भी खबरें थीं, लेकिन उस पर डील संभवतया पक्की नहीं हो सकी. मुकेश अंबानी ने 2020 में भी Shein के लिए अलग से एक प्लेटफॉर्म लॉन्च किया और इसे अपने Ajio ब्रांड से अलग रखा था. मुकेश अंबानी और शी-इन की डील को लेकर सरकार ने संसद में बयान भी दिया था कि Shein इसके लिए भारत में ही कपड़े तैयार करेगी.

Shein कैसे बनी ग्लोबल फास्ट फैशन ब्रांड?

शी-इन की सफलता ने दुनिया को अचंभित किया. एक दशक से भी कम समय में ये कंपनी ग्लोबल ब्रांड बन गई. Shein को ग्लोबल ब्रांड बनाने में सबसे बड़ा फैक्टर उसकी सप्लाई चेन का रहा. अमेजन के प्लेटफॉर्म की तरह उसने चीन, ब्राजील और तुर्की में बड़ी संख्या में अपने सप्लायर्स बनाए. कम-कीमत पर फैशनेबल वेस्टर्न कपड़े उपलब्ध कराकर चीन की इस कंपनी ने दुनिया के कई देशों में अपना दबदबा बनाया. लेकिन बात सिर्फ इतनी ही नहीं है.

Shein को ग्लोबल ब्रांड बनने में उसकी कई स्ट्रैटजी ने मदद की. कंपनी की पूरी की पूरी सप्लाई चेन डेटा ड्रिवेन थी, इससे कंपनी को ये पता चलता रहा कि मार्केट में ट्रेंड क्या है, कौन से कपड़े पसंद किए जा रहे हैं और कौन से नहीं. इससे कंपनी को अपनी इंवेंटरी मैनेज करने में मदद मिली.

बीबीसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक

Shein के प्लेटफॉर्म पर कपड़ों की एवरेट कॉस्ट 7.90 पाउंड (करीब 850 रुपए) है. उसके प्लेटफॉर्म पर 60,000 से ज्यादा आइटम मौजूद हैं, जो Zara जैसे ब्रांड से कहीं ज्यादा हैं.

Shein ने मार्केटिंग के लेवल पर भी जबरदस्त काम किया. उसने TikTok की पॉपुलैरिटी का फायदा उठाया. इंफ्लूएंसर्स और यूनिवर्सिटी स्टूडेंट्स के माध्यम से प्रचार करवाया. लोगों को खरीदने की आदत लगाने के लिए उन्हें स्पेशल कूपन कोड दिए. टिकटॉक, इंस्टाग्राम के दम पर अमेरिका और यूरोप में अपनी सेल्स बढ़ाई.

कितना बड़ा है आज Shein?

Shein की ऐप के 2023 में 26 करोड़ से ज्यादा डाउनलोड हो चुके थे, जबकि दुनियाभर में उसके एक्टिव यूजर्स की संख्या करीब 5.3 करोड़ थी. अमेरिका, फ्रांस, रूस, जर्मनी समेत आज 150 से ज्यादा देशों में सप्लाई करती है. टिकटॉक पर #Shein हैशटैग के साथ 84.4 बिलियन से अधिक व्यूज हैं. कंपनी का सालाना रिवेन्यू 22 अरब डॉलर से अधिक का हो चुका है.

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