परमार्थ निकेतन आश्रम के अध्यक्ष स्वामी चिदानंद सरस्वती ने महाकुंभ को लेकर पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी की ओर से दिए गए बयान का जवाब दिया है. स्वामी चिदानंद ने कहा है कि यह ‘मृत्यू कुंभ नहीं है. यह अमृत कुंभ है. यह महाकुंभ है. जिसने एक इतिहास रचा है. उन्होंने कहा कि आप महाकुंभ में जाइये, करोड़ों की संख्या में लोग आ रहे हैं और डुबकी लगा रहे हैं, लेकिन वहां कोई भी भूखा नहीं सोया. वहां, पहुंचे किसी ने किसी को ये नहीं कहा कि तुम छोटे हम बड़े हैं.अब समय आ गया है कि हम सभी भारत को भारत के रूप में देखें. ये ‘मृत्यू कुंभ’ नहीं है, ये मृत सोच है.
‘वहां पहुंच रहे लोग कुंभ को अमर बना रहे हैं’
उन्होंने आगे कहा कि वहां पहुंचे लोग महान कुंभ को सच माने तो अमर बना रहे थे. वहां कहीं कुछ ऐसा नहीं दिखाई दिया जिसमें कोई किसी का संघार कर रहा हो. सब लोगों ने मिलकर एक नए अविष्कार की ओर से भारत को ले जाते हुए देखा है. एक ऐसा भारत जिसने मिसाल बना दी है और नई मशाल जला दी है. सनातन की मशाल जो सबको साथ लेकर चलने वाली है. भारत को भारत की आंखों से देखें. भारत को भारत के चश्मे से देखना शुरू करें. बंगाल की धरती ने जिस संत को जन्म दिया है उनका जन्म रामकृष्ण परमहंस है. उन्होंने कहा था कि सागर और बुलबुले में कोई अंतर नहीं है. जैसे सागर का जल वैसे बुलबुले का जल. जीवात्मा और परमात्मा दोनों अलग-अलग नहीं है.
चिदानंद सरस्वती बोले- कुछ लोग सच से परेशान हैं
स्वामी चिदानंद सरस्वती ने कहा कि जहां, 50 करोड़ से अधिक लोग स्नान कर चुके हैं और अभी लोग वहां आ रहे हैं. ये मृत्यू कुंभ नहीं है, ये मृत सोच है. इस सोच को हमें बदलना होगा. इस देश में सारा संकट सोच का है. कुछ लोग सच में परेशान हैं. कुछ सच से परेशान हैं. कुछ अपनी सोच से परेशान हैं. इसलिए सोच को बदलें, सब कुछ बदल जाएगा. ये मृत कुंभ नहीं ये महाकुंभ है. ये भारत को महान बनाने वाला कुंभ है.
ममता बनर्जी ने क्या कहा था?
दरअसल, सीएम ममता बनर्जी ने मंगलवार को कहा कि प्रयागराज संगम में हुई भगदड़ की घटना पर कहा कि यह महाकुंभ ‘मृत्यु कुंभ’ बन गया है. उन्होंने दावा किया कि इस महाकुंभ में मरने वालों की वास्तविक संख्या को छिपाया गया है. विधानसभा को संबोधित करते हुए सीएम ने कहा कि तकों की संख्या कम दिखाने के लिए सैकड़ों शवों को छिपा दिया. बीजेपी के शासन में आयोजित महाकुंभ मृत्यु कुंभ बन गया है. भगदड़ की घटना अत्यंत हृदय विदारक थी. ऐसी घटनाओं में लोगों की दुखद मृत्यु सावधानीपूर्वक योजना बनाने के महत्व को उजागर करती है.