कंफर्म टिकट, सीट टॉयलेट में… बिहार की ट्रेनों का गजब हाल

R. S. Mehta
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महाकुंभ 2025 के दौरान रेलवे की व्यवस्थाओं की स्थिति पर सवाल उठने लगे हैं. प्रयागराज में हो रहे महाकुंभ में लाखों लोग स्नान करने के लिए पहुंचते हैं, जिसके कारण हर बार रेलवे स्टेशन और ट्रेनों में भारी भीड़ देखने को मिलती ही है. इस बार भी स्थिति कुछ अलग नहीं दिख रही है. महाकुंभ के समय ट्रेन में यात्रा करना अब किसी चुनौती से कम नहीं रह गया है.

कटिहार जंक्शन से सीमांचल एक्सप्रेस की तस्वीर एक ताजा उदाहरण है, जिसमें यात्री ट्रेन के शौचालय में बैठकर सफर करते पाए गए हैं. यह दृश्य न केवल खराब व्यवस्था को दिखाता है, बल्कि यह रेलवे की सुरक्षा और सुविधाओं के खात्मे की ओर भी इशारा करता है. यात्रा में भारी भीड़, जगह की कमी और सुविधाओं की कमी यात्रियों के लिए एक बड़ी परेशानी बन चुकी है.

कोई ठोस कदम नहीं, स्थिति और भी गंभीर

महाकुंभ के समय यात्री किसी भी कीमत पर अपने मंजिल तक पहुंचना चाहते हैं, लेकिन भारी भीड़ के कारण उन्हें काफी कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है. यहां तक कि इमरजेंसी खिड़कियां भी मुख्य द्वार के रूप में उपयोग की जा रही हैं. इससे यह स्थिति और भी गंभीर हो रही है, जहां रेलवे प्रशासन को यात्रियों की सुरक्षा और सुविधा का ध्यान रखना चाहिए था, लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नजर नहीं आ रहा है.

भीड़ इतनी की अपनी सीट तक पहुंचना भी मुश्किल

रेलवे स्टेशन पर भीड़-भाड़ के कारण यात्री बिना किसी असुविधा के अपने गंतव्य तक नहीं पहुंच पा रहे हैं. ट्रेन के डिब्बे तक पहुंचने के लिए भी लोगों को लंबी लाइन में खड़ा होना पड़ रहा है. इसके अलावा, अनियंत्रित भीड़ के कारण ट्रेन में चढ़ने और उतरने में भी यात्रियों को असुविधा हो रही है और कुछ लोग इसमें चोटिल भी हो रहे हैं.रेलवे प्रशासन को इस स्थिति को संभालने के लिए तत्काल कदम उठाने की जरूरत है. यात्री इस वक्त सिर्फ अपनी आस्था के लिए यात्रा कर रहे हैं, लेकिन उनकी कठिनाइयों को भी दूर करना आवश्यक है. ट्रेनों में उचित व्यवस्था, सुरक्षा और सफाई सुनिश्चित करके यात्रियों को आरामदायक यात्रा देने के लिए रेलवे को अब और बेहतर प्रबंध करने की आवश्यकता है.

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