प्रदेश के पहले रेंडरिंग प्लांट की पांच करोड़ की मशीनों में जम रही धूल

R. S. Mehta
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भोपाल। रेंडरिंग प्लांट जिससे मृत पशुओं के मांस वेस्ट का निष्पादन होता है। उस प्लांट का निर्माण प्रदेश में सबसे पहले भोपाल में नगर निगम द्वारा करवाया गया। इसको बनकर तैयार हुए करीब चार महीने हो चुके हैं, लेकिन अब तक प्लांट को चालू करने के लिए बिजली का कनेक्शन नहीं हो सका है। इसके चलते प्लांट पर लगाई गई पांच करोड़ की मशीनों पर धूल जमने लगी हैं। यह स्थिति निगम के स्वच्छ भारत मिशन (एसबीएम) के अफसरों की लापरवाही के कारण बनी है।

शहर से निकलता है 25 टन वेस्ट

शहर में रोजाना 25 टन मांस वेस्ट निकलता है। चिकन मटन की दुकानों और स्लाटर हाउस से तो आसानी से इसका कलेक्शन हो जाता है, लेकिन फिश मार्केट से इसे उठाने के लिए निगम के कर्मचारी लगते हैं। वहीं निगम के कचरा वाहन भी गीला-सूखा कचरा ट्रांसफर स्टेशन भेजने के बाद इस वेस्ट को उठाते हैं। फिर इसे आमदपुर छावनी भेजा जाता है। चूंकि अभी प्लांट शुरू नहीं हुआ है। इस कारण मृत पशुओं को जमीन में दफना दिया जाता है। प्लांट के चालू होने के बाद यह समस्या हमेशा के लिए खत्म हो जाएगी।

इनका कहना है

बिजली के कनेक्शन के लिए टेंडर हो चुके हैं। जल्द ही कनेक्शन मिल जाएगा। हर हाल में रेंडरिंग प्लांट को जुलाई तक शुरू करना है।

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