कोटा में तीन हफ्ते में 5 छात्रों की मौत, प्रियंका गांधी ने सिस्टम पर उठाए सवाल

R. S. Mehta
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राजस्थान के कोटा शहर में बच्चों के आत्महत्या करने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. आए दिन इस तरह की सुसाइड की खबरें सामने आने से ये शहर सुर्खियों में बना हुआ है. बीते बुधवार को गुजरात की एक NEET छात्रा और JEE की कोचिंग ले रहे असम के एक छात्र ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. एक दिन में दो छात्रों की मौत से हड़कंप मच गया है. वहीं इस मामले पर कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी ने चिंता जाहिर की है.

सांसद ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट शेयर किया है, जिसमें उन्होंने कहा हा कि कोटा, राजस्थान में एक ही दिन में दो बच्चों के आत्महत्या का समाचार अत्यंत डरावना और हृदयविदारक है. यहां तीन हफ्ते के अंदर 5 छात्रों ने आत्महत्या की है, ये बहुत चिंताजनक बात है.

‘सरकार को इस दिशा में ठोस कदम उठाना चाहिए’

इसके आगे प्रियंका गांधी ने कहा कि यह समय शिक्षा के संस्थानों, अभिभावकों और सरकारों को मिलकर सोचने और आत्मनिरीक्षण करने का है कि आखिर ऐसा क्यों हो रहा है. क्या हमारे बच्चों पर इतना दबाव पड़ रहा है कि वे झेल नहीं पा रहे हैं या समूचा वातावरण उनके अनुकूल नहीं है?. सांसद ने कहा कि सरकार को इस दिशा में ठोस कदम उठाना चाहिए. बच्चों के मनोविज्ञान, शिक्षा के तौर-तरीकों और माहौल को लेकर गहराई से अध्ययन हों और जरूरी सुधार की पहल की जाए.

NEET छात्रा थी अशफा शेख

पुलिस के मुताबिक गुजरात के अहमदाबाद की रहने वाली अशफा शेख NEET छात्रा थी जो जवाहर नगर इलाके में एक किराए के मकान में रहती थी. छात्रा ने बुधवार सुबह करीब 10 बजे कमरे में फांसी लगाकर अपनी जान दे दी. बताया जा रहा है कि 24 साल की अशफा ने पहले भी कई बार मेडिकल प्रवेश परीक्षा दी थी लेकिन उसे कामयाबी नहीं मिल सकी थी. पहले वो कोचिंग लेती थी लेकिन फिलहाल वो खुद से तैयारी कर रही थी.

JEE अभ्यर्थी ने हॉस्टल में लगाई फांसी

वहीं अशफा शेख की मौत के करीब 2 घंटे के अंदर एक और छात्र के आत्महत्या करने की जानकारी पुलिस को मिली. पुलिस के मुताबिक गुवाहाटी के रहने वाले 18 साल के JEE अभ्यर्थी ने महावीर नगर इलाके में स्थित अपने हॉस्टल के कमरे में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. पुलिस ने बताया कि मृतक छात्र को अगले सप्ताह JEE-मेन्स की परीक्षा देनी थी. जांच में मृतक के कमरे से कोई सुसाइड नोट बरामद नहीं हुआ है. कोचिंग हब के नाम से मशहूर कोटा शहर में साल के पहले 22 दिनों में ऐसे 6 मामले सामने आ चुके हैं. वहीं 2024 में ऐसे 17 मामले सामने आए थे.

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