सियासी दंगल में कभी जुदा-जुदा पर संसद में एक… कुछ ऐसी ही तस्वीर इंडिया गठबंधन की है. दिल्ली विधानसभा चुनाव में एक तरफ राहुल गांधी, प्रियंका समेत पूरी कांग्रेस अरविंद केजरीवाल पर हमलावर है. केजरीवाल और उनकी पार्टी भी कांग्रेस पर तीखे हमले कर रही है. इंडिया गठबंधन के अखिलेश यादव, उद्धव ठाकरे, ममता बनर्जी और शरद पवार ने कांग्रेस के बजाय ‘आप’ का समर्थन किया है. इसके बावजूद संसद में रणनीति को लेकर सोनिया की अध्यक्षता में हुई बैठक में फैसला हुआ कि गठबंधन जिन मुद्दों पर एकराय है, संसद में मिलकर उनको उठाएगा.
मीटिंग के बाद कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी ने कहा, संसद में हमारी रणनीति साफ है. जिन मुद्दों पर इंडिया गठबंधन के दलों में एकराय है, हम मिलकर उन मुद्दों को उठाएंगे. राज्यों में हम अलग लड़ सकते हैं. दिल्ली और हरियाणा चुनाव से पहले लोकसभा चुनाव में हम साथ थे. विधानसभा चुनाव हम अलग लड़े. पंजाब में लोकसभा चुनाव अलग लड़े. इसलिए ये कोई मसला नहीं है.
सोनिया गांधी राष्ट्रपति का दिल से अटूट सम्मान करती हैं
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू पर सोनिया गांधी की टिप्पणी को लेकर उन्होंने कहा कि नए संसद के उदघाटन में पीएम मोदी को आदिवासी राष्ट्रपति याद नहीं आईं, तब अपमान हुआ था. सोनिया गांधी राष्ट्रपति का दिल से अटूट सम्मान करती हैं. हां, हर किसी को हक है राष्ट्रपति के अभिभाषण को क्रिटिसाइज करने का, जो मोदी सरकार द्वारा तैयार किया गया हो.
सरकार ने राष्ट्रपति से राजनीतिक भाषण दिलवाया
वहीं, कांग्रेस ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के अभिभाषण को सियासी भाषण करार दिया है. कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा, सरकार ने राष्ट्रपति से राजनीतिक भाषण दिलवाया है. अभिभाषण पर कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा कि ये पूर्वानुमानित भाषण था. इससे कोई हैरानी नहीं हुई.
कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने कहा, राष्ट्रपति का अभिभाषण दुर्भाग्य से सरकार की कथित उपलब्धियों की झूठी लिस्ट को दोहराने से ज्यादा और कुछ नहीं था. राष्ट्रपति भवन को हर साल की शर्मिंदगी से बचना चाहिए. राष्ट्रपति को अपने मन की बात कहने की अनुमति मिलनी चाहिए.