टमाटर के दाम गिरने से खंडवा में दुखी किसान खेतों से फसल उखाड़कर फेंकने को मजबूर

R. S. Mehta
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टमाटर के दाम गिरने से दुखी परेशान किसान टमाटर की फसल को खेतों से निकाल कर फेंकने को मजबूर हैं। ग्राम चन्देरी के किसान व समाजसेवी एम.एस. मेवाड़ा ने किसान हित में मांग की है कि किसानों की फसल न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदी जाए। साथ ही सब्जी की फसल का भी उचित दाम दिलाई जाए। ताकि दुखी व परेशान किसान अपनी फसल का उचित मूल्य ले सकें। लेकिन आज स्थिति यह हो गई की ग्राम रलावती के किसान करण सिंह मेवाड़ा के खेत में टमाटर की फसल जमकर लगी थी।

लेकिन टमाटर को बाजार में बेचने ले गए तो मात्र 2-3 रूपये किलो के भाव में बिका, जिससे टमाटर की लागत तो दूर की बात बाजार ले जाने का भाड़ा तक नहीं निकल पा रहा है। जिसके कारण दुखी होकर मजबूर किसान ने अपनी फसल को खेतों से उखाड़ कर बाहर फेंकने को मजबूर है। जबकि विगत 5 वर्षों से प्राकृतिक आपदा के कारण किसानों की सोयाबीन की फसल खराब होती चली आ रही है। कई किसानों को बीमा राशि भी नहीं मिली है। जबकि बैंक द्वारा किसानों की बीमा प्रीमियम की राशि काट ली जाती है।

खराब फसलों के सर्वे तक नहीं हो पाते हैं और ना ही फसलों बीमा या मुआवजा मिल पाता है। जिसके कारण ग्राम रलावती के किसान करण सिंह मेवाड़ा, समर सिंह, रविंद्र सिंह के द्वारा शासन प्रशासन से मांग की है कि किसानों की फसलों का सही भाव दिलवाया जाए।

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